IPO, Initial Public Offering | आईपीओ क्या होता हैं? | सार्वजनिक प्रस्ताव

 दोस्तों, कई बार आपने आईपीओ (IPO) का नाम सुना होगा या फिर अखबार में पढ़ा ही होगा| आखिर यह आईपीओ होता क्या है? आज हम आईपीओ के बारे में बात करेंगे कि आखिरी आईपीओ होता क्या है?

IPO का फुल फॉर्म

  • I :- Initial (प्रारंभिक या प्रथम)
  • P :- Public (जनता या जन)
  • O :- Offering (प्रस्ताव)
  • प्रथम जन प्रस्ताव

आईपीओ IPO (सार्वजनिक प्रस्ताव) क्या होता है?

  • जब कोई कंपनी अपने शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है यानी मार्केट में उतारती है तो उसे आईपीओ या सार्वजनिक प्रस्ताव कहा जाता है|
  • आईपीओ ज्यादातर छोटी या नई कंपनियों के द्वारा जारी किए जाते हैं|
  • छोटी या नई  कंपनियां अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पूंजी चाहती है इसलिए वह आईपीओ जारी करती है|
  • आईपीओ बड़ी निजी कंपनियों के द्वारा भी जारी किए जा सकते हैं जो सार्वजनिक बाजार में कारोबार करना चाहती हैं|
  • जब भी कोई कंपनी अपना आईपीओ लाने की योजना बनाती है तो उसे सेबी के सारे नियमों का पालन करना होता है|
  • आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने इन्वेस्टर्स के लिए  3 से 10 दिनों तक के लिए ही ओपन रखती है|
  • जब भी कोई आईपीओ आता है तो कोई भी इन्वेस्टर उसे 3 से 10 दिनों के अंदर ही खरीद सकता है|

आईपीओ IPO (सार्वजनिक प्रस्ताव) में निवेश

  • आईपीओ में निवेश को काफी जोखिम भरा माना जाता है|
  • आईपीओ में कंपनी के शेयरों की प्रगति के संबंध में लोगों के पास कोई जानकारी नहीं होती है|
  • अगर आपको शेयर बाजार में भविष्य मनाना है तो आपको आईपीओ के बारे में जानकारी होना जरूरी है|

आईपीओ IPO (सार्वजनिक प्रस्ताव) में निवेश कैसे करें

  • जब भी आप किसी कंपनी के आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपका  ब्रोकर बेस्ट होना चाहिए|
  • कोशिश करें कि ब्रोकर के साथ मिलकर ही आईपीओ कंपनी का चयन करें|
  • आईपीओ के लिए आप जो कंपनी का चयन कर रहे हैं उससे तीन-चार अन्य  कंपनियों के बीच तुलना करें|
  • कुछ दिन तक इन कंपनियों की प्रगति देखकर ही निवेश करें|

आईपीओ IPO (सार्वजनिक प्रस्ताव) से संबंधित शब्दावली

  • Price Band (प्राइस बैंड):- प्राइस बैंड वह दायरा होता है जिसके अनुसार आप एक आईपीओ के लिए बोली लगा सकते हैं|
  • Bid Lot (बिड लॉट):- बिड लॉट का मतलब शेयर की न्यूनतम मात्रा से है जिसके अनुसार ग्राहकों को आईपीओ के लिए बोली लगानी होती है|
  • Registrar (रजिस्ट्रार) :- रजिस्ट्रार उस विशेष कंपनी के द्वारा नियुक्त किया जाता है जिसे आईपीओ की जिम्मेदारी दी जाती है|  रजिस्ट्रार का कार्य सेबी के नियमों के अनुसार निवेश करवाना, ग्राहकों के पैसे की वापसी और पूरी आईपीओ की प्रक्रिया को संभालना है|
  • Issue Size (इश्यू साइज):- इश्यू साइज का मतलब शेयर की उन कुल मात्रा से है जिनके लिए आप बोली लगा सकते हैं|
  • QIB:- निवेशक संस्थाओं के बोली लगाने के लिए रखा गया प्रतिशत QIB कहलाता है|
  • NIB:- गैर-निवेशक संस्थाओं के बोली लगाने के लिए रखा गया प्रतिशत NIB कहलाता है|
  • Retail (रिटेल)- जितने शेयर रिटेल निवेशकों के बोली लगाने के लिए रखे जाते हैं उसे रिटेल कहते हैं|
  • Listing (लिस्टिंग):- जिन सूचियों पर आईपीओ खुलता है और कारोबार के लिए उपलब्ध रहता है उसे लिस्टिंग कहते हैं|

अन्य पढे़ं –

[table id=65 /]

Leave a Comment